Search This Blog

PostHeaderIcon धूम्रपान हुआ जवान

माँ दारू देवी की असीम अनुकंपा से पूरे नशे मे टुन्न होकर हुक्के और माल के सनिध्य मैं हमे आज हर्षित होने का अवसर मिला है क्योंकि हमारी बिगड़ी औलाद ..........
चिरंजीव दुली चंद डांगी [NFT]
कूपत्र श्री MAALBORO
तथा
सौ. बीडीकुमारी [DETAINED]
कुपुत्र्ी श्री GOLD FLAKE ...
विवाह बंधन मे बँधने जा रहे है . आप सभी से अनुरोध है की इस पवन अवसर पर पधारे और भरपूर उत्पात मचाकर अपनी उपस्थिति को सार्थक बनाएँ बारात ब्यावरा की "देसी दारू की भट्टी" से निकलकर निकटवर्ती "अँग्रेज़ी शराब की दुकान" की ओर रात 1 बजे के बाद प्रस्थान करेगी ........

चुन्नु-मुन्नू :-- मेरे D.C. भैया की शादी में ज़लूल-ज़लूल आना...........

स्वागतोत्सुक
WILLS, ULTRA MILD ROYAL STAG, GREEN LABLE,
दर्शनाभिलाशी
ROYAL STAG, GREEN लाबले

:) Puneet
For - Deepakkoke.Blogspot.com
seoxtream@gmail.com

PostHeaderIcon हर पल आती रह तेरी याद

एक मुद्दत हुई दिल को सताती रही तेरी याद
आंसू बन लहू में घुल जाती रही तेरी याद

सुबह को लालिमअ बन छा जाती रही तेरी याद
धुप में साया बन साथ चलती रहi तेरी याद

दोपहर छाया बन तासीर दिलाती रही तेरी याद
शाम को हवा का झोन बन लुभाती रही तेरी याद

रात के अँधेरे में जुगनू बन चमकती रही तेरी याद
आसमान में तारों संग टीम टीम आती रही तेरी याद

चांदनी बन ज़मीं को नहलाती रही तेरी याद
रोज़ ख्वाब बन तेरी दीद कराती रही तेरी याद

गर्मी में हवा का झोंका बन आ जाती रही तेरी याद
इन्द्रधनुष के रंगों में रंग जाती रही तेरी याद

सर्दी में खिली धुप सी चमकती रही तेरी याद
पहाडों पर बर्फ बन बिछ जाती रही तेरी याद

फूलों पर तितली बन मंडराती रही तेरी याद
हवा को खुशबू बन महकाती रही तेरी याद

बेलों को सहारा बन बढाती रही तेरी याद
बागों को बहार बन सजाती रही तेरी याद

होली में गुलाल बन रंग उडाती रही तेरी याद
दिवाली में चिराज बन उजाले फैलाती रही तेरी याद

ईद में चाँद बन खुशियाँ लुटती रही तेरी याद
च्रिस्त्मस में संता बन तोहफे बांटी रही तेरी याद

थक गया तो दिल बहलाने आ जाती रही तेरी याद
चोट खाई तो सहलाने आ जाती रही तेरी याद

रूठ गया तो मनाने आ जाती रही तेरी याद
गिर गया तो उठाने आ जाती रही तेरी याद

सोने चला तो लोरी सुनाने आ जाती रही तेरी याद
रोने लगा तो हँसाने आ जाती रही तेरी याद

जीत गया तो जश्न मनाने आ जाती रही तेरी याद
हार गया तो समझाने आ जाती रही तेरी याद

महफ़िल में रौनक बन छा जाती रही तेरी याद
तन्हाई में साथ निभाने आ जाती रही तेरी याद

मेरे हर ज़र्रा -ओ -कतरे में बसी हुई हुई तेरी याद
मेरी ग़ज़ल से रूह तक उतर रही है तेरी याद

मौत के बाद भी "खाक " से न जुदा होगी तेरी याद
ख्श्बू बन हर तरफ फिजा में महका करेगी तेरी याद

PostHeaderIcon Signs of an NRI Sins in Indian society

10. Marrying a blond is a sin. Making love to a blond is a partial sin.

9. Pre-marital sex is a sin. Marital sex is a partial sin.

8. Taking dowry is a sin. Giving dowry is a partial sin.

7. Bullying one's wife is a sin. Having to submit is a parital sin.

6. Gambling is a sin. Playing cards is a partial sin.

5. Drinking is a sin. Smoking is a partial sin.

4. Eating beef is a sin. Eaing pork is a partial sin.

3. Hurting a cow is a sin. Hurting insects is a partial sin.

2. Not phoning home is a sin. Running up a huge bill is a partial sin.

1. Forgetting first language is a sin. Speaking with an accent is a partial sin.

PostHeaderIcon संता बँटा और मोबाइल

एक बार संता और बंता ने मोबाइल लेने की सोची .
दोनों मोबाइल लेने मोबाइल की दुकान मी चल दिये.लेकिन कीमत बहुत ज्यादा होने के कारन वो दोनों मोबाइल नही ले पाए .
इसके बाद उन्होंने एक तरकीब निकली जैसा की पहले के समय मी लोग संदेश भेजने के लिए किया करते थे . उन्होंने मोबाइल की जगह कबूतर पलने की सोची . उन्होंने ने दो कबूतर के बच्चे लिए उसे पाल कर बड़ा किया उसे संदेश ले आने और ले जाने का तरकीब शिखाया . इसके बाद दोनों कबूतर संता का संदेश बँटा के पास और बँटा का संदेश संता के पास ले आने और ले जाने लगा .ये काम निरंतर चलता रहा .
एक दिन रात के समय मी संता का कबूतर बँटा के घर आ के उसे जगा दिया .कबूतर के गले मे एक कागज था पर वो सदा था उसमे कोई संदेश नही था .बँटा को गुस्सा आ गया उसने कबूतर को मर कर भगा दिया .कुछ देर बाद कबूतर फ़िर से आया .लेकिन इस बार भी कागज सदा था.बँटा को बहुत गुस्सा आया .सुबह होते ही वो संता के घर चल दिया . संता के घर पहुच कर बँटा ने कहा जब तेरे पास कोई संदेश नही था टू मुघे परेशान कोयुं किया .इसपर संता ने कहा .हा हा हा मई तो मिस काल कर रहा था

PostHeaderIcon Aarti Shri Google Maharaj

Om Jai Google Hare !!
Swami Jai Google hare
Programmers ke sankat, Developers ke Sankat,
Click main door kare!!
Om Jai Google Hare !!

Jo Dhyawe vo pawe,
Dukh bin se man ka, Swami dukh bin se man ka,
Homepage ki sampatti lawe, Homework ki sampatti karave
Kasht mite work ka,
Swami Om Jai Google hare!!

Tum puran search engine
Tum hi Internet yaami, Swami Tum hi Internet yaami
Par karo hamari Salari, Par karo hamari apprisal,
Tum dunia ke swami,
Swami Om Jai Google hare.

Tum information ke saagar,
Tum palan karta, swami Tum palan karta,
Main moorakh khalkamii, Main Searcher tum Server-ami
Tum karta dhartaa !!
Swami Om Jai Google hare!!

Din bandhu dukh harta,
Tum rakshak mere, Swami tum thakur mere,
Apni search dikhaao, sare reasearch karao
Site par khada mein tere,
Swami Om Jai Google hare!!

Google devta ki aarti Jo koi programmer gaawe,
Swami Jo koi bhi programmer gaawe,
Kehet SUN swami, MS Hari har swami,
Manwaanchhit fal paawe.
Swami Om Jai Google hare.

Puneet Tiwari
For - Deepakjoke.Blogspot.com

PostHeaderIcon Jab aap muskurati ho

Jab aap muskurati o to mastana kamal lagti ho.

galib ki gazal aur mir ka sair lagti ho .

sangmarmar sa tarasa aye nure badan.

sans leti ho to mehkata hua tazmahal lagti ho.

PostHeaderIcon Gabbar & Sambha

Gabbar: Arey o Sambha
Sambha: Ji Sardar
Gabbar: Kitne Admi the re?
Sambha: Do Sardar
Gabbar: Mujhe ginti nahi aati. Do kitne hotey hain?
Sambha: Sardar Do Ek ke baad ata hai.
Gabbar: Aur Do ke pehle?
Sambha: Do ke pehle Ek aata hai
Gabbar: To bich mein kaun aata hai?
Sambha: Bich mein koi nahi aata
Gabbar: To fir Dono ek saath kyon nahi atey?
Sambha: Do Ek ke baad hi aa sakta hai, kyonki Do ek se bada hai.
Gabbar: Do ek se bada hai? Kitna bada hai?
Sambha Do ek se Ek bada hai?
Gabbar: Agar Do ek se ek bada hai to ek ek se kitna bada hai?
Sambha: Sardar, Maine tumhara namak khaya hai, mujhe goli mardo par mera dimag to na khao.

Sended by my Friend Punnet From Bhopaal

PostHeaderIcon Rishtey to bheed hai bas yahan tanhaiyan mile

Rishtey to nahi rishton ki parchaiyan mile
yeh kaisi bheed hai bas yahan tanhaiyan mile.

ek chhat ke tale ajnabi ho jaate hai rishtey
bistar pe chadaron se chup so jaate hai
dhunde se bhi in mein nahi garmaiyan mile
yeh kaisi bheed hai bas yahan tanhaiyan mile.

jisko bhi dekhiye woh adhura sa hai yahan
jaise kahin ho aur woh aadha rakha hua
woh jab jahan jude wahi judaiyaan mile
yeh kaisi bheed hai bas yahan tanhaiyan mile.

Rishtey to nahi rishton ki parchaiyan mile
yeh kaisi bheed hai bas yahan tanhaiyan mile.

हिन्दी मी यहाँ

रिश्ते तो नही रिश्तों की परछाइयां मिलें
यह ऐसी भीड़ है बस यहाँ तन्हाइयां मिले !

एक चाहत के तले अजनबी हो जाते है रिश्ते
बिस्तर पे चादरों से छुप सो जाते है
ढूंढे से भी इन में नही गर्मियाँ मिले
यह कैसी भीड़ है बस यहाँ तन्हाइयां मिले !

जिसको भी देखिये वो अधूरा सा है यहाँ
जैसे कहीं हो और वो आधा रखा हुआ
वो जब जहाँ जुड़े वही जुदाइयां मिले
यह कैसी भीड़ है बस यहाँ तन्हाइयां मिले !

रिश्ते तो नही रिश्तों की परछाइयां मिले
यह कैसी भीड़ है बस यहाँ तन्हाइयां मिले !

PostHeaderIcon क्या ख़बर तुम को दोस्ती क्या है

~~~
Dosti kia hay?
Kia khabar tum ko dosti kia hai
Ye roshni bhi hai andhera bhi hai

Khwahishon say bhara jazeera bhi hai
Bohat anmol ik heera bhi hai

Dosti ik haseen khwab bhi hai
Pass say dekho tou sarab bhi hai

Dukh milnay pe ye azab bhi hai
Aur ye pyar ka jawaz bhi hai

Dosti yoon tou maya jaal bhi hai
Ik haqeeqat bhi hai khayal bhi hai

Kabhi furqat kabhi vissal bhi hai
Kabhi zameen kabhi falak bhi hai

Kabhi ye haar kabhi jeet bhi hai
Dosti saaz bhi sangeet bhi hai

Shair bhi nazam bhi geet bhi hai
Wafa kia hai wafa bhi dosti hai

Dil say nikli dua bhi dosti hai
Bus itna samajh lay tu
Pyar ki inteha bhi dosti hai