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बहुत बदला है स्त्रियों का नजरिया
प्यार हमें जीवन जीने का एक मकसद देता है। एक स्त्री के जीवन में भी प्यार बहुत मायने रखता है। प्यार में इतनी ताकत होती है कि वह हिंसक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को भी समझदार इंसान बना देता है। आज के दौर में प्यार के प्रति स्त्रियों का नजरिया वाकई बदल गया है। यह बदलाव जरूरी है ताकि किसी स्त्री को प्यार के नाम पर जीवन भर विश्वासघात सहना न पडे। आज स्त्री दूसरों को मौका नहीं देती कि वे उसके प्यार का अफसाना बनाएं। जो स्त्री पहले अपने प्यार को मन में दबाए और छिपाए अपना पूरा जीवन गुजार देती थी, वही आज पूरी तरह बदल गई है। आज काफी हद तक स्त्री अपने प्रेम का इजहार आसानी से कर लेती है। मैं भी किसी से प्रेम करती हूं। मैं अपने साथी से कोई विशेष अपेक्षाएं नहीं रखती लेकिन मेरे लिए ईमानदार और अच्छे चरित्र वाला पुरुष होना बहुत जरूरी है। इसलिए मैं उससे यही अपेक्षा रखती हूं कि वह जीवन भर मेरे साथ अपने रिश्ते के प्रति ईमानदार रहे। मुझे धैर्यवान, आकर्षक विनम्र पुरुष पसंद हैं और मैं खुशनसीब हूं कि मेरे प्रेमी में वो सारी खूबियां हैं।
जब आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसके बारे में इतना तो जानते ही हैं कि वह स्वभाव से कैसा, देखने में कैसा और कितना केयरिंग है, स्त्रियों के प्रति उसका क्या नजरिया है और वह दूसरों का कितना सम्मान करता है। फिर कोई व्यक्ति जो इस दुनिया में आया है वह परफेक्ट नहीं होता है। अगर होता है तो यह समझिए कि वह इंसान नहीं भगवान है। इसलिए हर किसी में कुछ न कुछ कमियां तो होती ही हैं। मुझमें भी हैं। जब मेरे पार्टनर ने मुझे मेरी बुराइयों-अच्छाइयों के साथ स्वीकारा है तो मैं भी उसकी कमियों को नजरअंदाज करती हूं। ऐसा नहीं है कि एडजेस्टमेंट सिर्फ स्त्री ही करती है, पुरुष भी करता है। यह एक स्त्री की खूबी होगी कि वह अपने जीवनसाथी की बुराइयों को अच्छाइयों में बदल दे। एक स्त्री के लिए आत्मसम्मान उसके जीवन भर की पूंजी है। अगर वही खत्म हो गई तो उसके जीवन में बचेगा क्या? लेकिन यहां मैं यह भी मानती हूं कि मुझसे सच्चा प्यार करने वाला व्यक्ति कभी भी मेरे आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचा सकता। प्यार में कभी दिल मेरा भी दिल टूटा है, लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा कि अब उसके बिना मेरा जीवन बेकार हो गया। एक समझदार स्त्री संबंध खत्म होने के बाद खुद को संभाल सकती है। वह कभी यह नहीं सोचेगी कि उसका जीवन ही खत्म हो गया। जब दूसरा दिल तोडकर चला गया तो उसकी याद में वह अपनी जिंदगी़ क्यों तबाह करे? बल्कि उससे सबक लेकर नए सिरे से जीवन शुरू करना चाहिए। यही तो जीवन के अनुभव हैं। जब ठेस लगती है तभी तो व्यक्ति आगे संभल कर कदम रखता है। प्यार नहीं तो क्या हुआ और रिश्ते भी तो होते हैं। इंसान को हर हाल में खुश रहना चाहिए।
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